Coronavirus 3rd Wave Update In Jharkhand: कोरोना की तीसरी लहर को देखते हुए रिम्स क्रिटिकल केयर विभाग व टास्क फोर्स ने रिम्स प्रबंधन को आगाह किया है. देश के प्रतिष्ठित संस्थान आइआइटी व विशेषज्ञ डॉक्टरों ने 15 जुलाई के बाद देश में तीसरी लहर की आशंका जतायी है. इसको देखते हुए रिम्स के डॉक्टरों की चिंता बढ़ गयी है.
क्रिटिकल केयर विशेषज्ञों का मनाना है कि कोरोना की पहली लहर झारखंड में देरी से पहुंची. इसलिए इसका फैलाव कम देखने को मिला. वहीं, दूसरी लहर देश व झारखंड में करीब-करीब एक साथ आयी. ऐसे में कोरोना की तीसरी लहर झारखंड में जुलाई के अंत तक पहुंच सकती है. अगर पहले से तैयारी नहीं की गयी, तो स्थिति बिगड़ सकती है.
कोरोना की फिर से दूसरी लहर जैसी स्थिति न हो जाए इसे ध्यान में रखते हुए सरकार तीसरी लहर से बचाव के लिए पुख्ता तैयारी कर रही है। राज्य में बच्चों के लिए लगभग 300 से ज्यादा बेड तैयार कर लिए गए हैं। CM खुद पूरी तैयारियों की मॉनिटरिंग कर रहे हैं। हेल्थ डिपार्टमेंट के मुताबिक, रांची में 27 बेड का PICU वार्ड पूरा हो गया है। 40 और PICU बेड का काम चल रहा है।
पूर्वी सिंहभूम में 30 PICU बेड के विकास का कार्य प्रगति पर है। कोडरमा जिले में 20 बेड की PICU सुविधा पूरी हो चुकी है। गिरिडीह और हजारीबाग जिले के विभिन्न CHC और सदर अस्पताल में 130 बिस्तरों वाला सुविधायुक्त बाल वार्ड विकसित हो रहा है। धनबाद और खूंटी में 70 से अधिक PICU बेड का काम पूरा होने के करीब है।
ग्रामीण क्षेत्रों में न हो परेशानी, इसलिए CHC को बनाया जा रहा सुविधायुक्त
राज्य के सभी सदर अस्पतालों व कुछ CHC में PICU विकसित किए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमित मरीजों को उनके गांव के समीप बेहतर इलाज मुफ्त में मिल सके। सभी जिलों में जनरल चाइल्ड वार्ड के अतिरिक्त डेडिकेटेड चाइल्ड वार्ड विकसित हो रहे है। शिशुओं की चिकित्सा के लिए वेंटिलेटर, बाल चिकित्सा वेंटिलेटर, बबल CPAP, रेडिएंट वार्मर, ऑक्सीजन आपूर्ति सुविधा और अन्य आवश्यक उपकरणों से लैस किये जा रहे हैं।
बच्चों के अनुकूल तैयार किया जा रहा है वार्ड
बच्चों के लिए आरामदायक वातावरण बनाने के लिए बच्चों के अनुकूल वार्ड बनाने पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। PICU वार्डों में अलग-अलग तरह की चाइल्ड फ्रेंडली पेंटिंग की जा रही है। PICU वार्डों में उपयोग किए जाने वाले पर्दे, चादरें और कवर बच्चों के लिए आरामदायक वातावरण बनाने के लिए रंगीन और आकर्षक रूप से तैयार किये गये हैं।
वार्ड में बच्चों के मनोरंजन का भी रखा गया है ख्याल
बच्चों के लिए तनाव मुक्त वातावरण के लिए टेलीविजन सेट लगाए जा रहे हैं। अस्पतालों के आंगन और वार्डों के गलियारे को बच्चों की चहलकदमी लायक बनाया जा रहा है। कई स्टोरी बुक और अन्य शिक्षण सामग्री के साथ बुकशेल्फ़ भी स्थापित किए जा रहे हैं।
विशेषज्ञों ने 15 जुलाई के बाद देश में तीसरी लहर की आशंका जतायी
क्रिटिकल केयर विभाग और टास्क फोर्स ने रिम्स को किया आगाह
कोरोना की तीसरी लहर 30 से 40 दिनों में आ सकती है. तीसरी लहर के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए टीका लेना जरूरी है. राज्य का हर व्यक्ति बेझिझक होकर टीका लगाये.