पटना : बिहार और झारखंड से दो हजार के नोट लगभग गायब हो चुके हैं. तो इन दोनों राज्यों को 90 हजार करोड़ के 2000 के नोट मिले हैं। इनमें से 96 फीसदी नोट गायब हो गए हैं। स्थिति यह है कि 2000 के नोट न तो बैंकों के कैश काउंटर पर जमा होते हैं और न ही दुकानदारों तक पहुंचते हैं। साथ ही एटीएम से बाहर नहीं निकलते। नोट चलन से बाहर नहीं हुए। लेकिन 2019 के बाद आरबीआई ने इन नोटों की छपाई बंद कर दी है। बैंकिंग जगत के सूत्रों के अनुसार वित्त वर्ष 2021-22 में सेक्टर में करीब 4000 करोड़ रुपये के सिर्फ 2 करोड़ नोट ही चलन में हैं। काला धन शहर में चर्चा का विषय है क्योंकि 2000 के नोट बड़ी संख्या में भ्रष्टाचारियों की तिजोरी छोड़ रहे हैं। मार्च 2022 तक देश में 2 से 2000 रुपये के 13,05,326 नोट चलन में थे। इनकी कीमत 31,05,721 करोड़ रुपये है। 4,28,394 करोड़ जिसमें 2000 रुपये का नोट सिर्फ 13.8% है। पिछले तीन साल में इन नोटों की करेंसी में 10 फीसदी की गिरावट आई है।
बैंकिंग जगत से जुड़े सूत्रों की मानें तो वित्तीय वर्ष 2021-22 में इस क्षेत्र में अब लगभग 4000 करोड़ मूल्य के 2 करोड़ नोट ही चलन में हैं। यानी, 96 फीसदी 2000 की करेंसी बिहार-झारखंड से या तो बाहर हो चुकी है या फिर कालाधन का हिस्सा बन चुकी है। कालाधन की बात इसलिए कि भ्रष्टाचारियों की तिजोरियों-तहखानों से थोक में 2000 के नोट निकल रहे हैं।
गौरतलब है कि मार्च 2022 तक देश में 2 रुपए से 2000 रुपए तक के 13,05,326 नोट चलन में थे जिनकी कुल वैल्यू 31,05,721 करोड़ रुपए है। इनमें 2000 रुपए के नोट की वैल्यू 4,28,394 करोड़ यानी महज 13.8% है। पिछले तीन वर्षों में इन नोटों के चलन में 10% कमी आई है।
2019 से 2000 नोट की छपाई बंद
आरबीआई ने 2019 के बाद से 2000 के नोट छापने बंद कर दिए हैं। मूल वजह इन नोटों के कालेधन में रूपांतरण की प्रवृत्ति को रोकना है। 2016 में नोटबंदी के बाद सरकार ने 1000 के नोट को चलन से बाहर करते हुए 2000 के नोट का चलन शुरू किया था।
जब्त नोटों में 27%तक
झारखंड आईएएस के ठिकानों से 19 करोड़ कैश मिले थे। 23 बंडल 2000 के नोट।
हाजीपुर के श्रम प्रवर्तन पदाधिकारी के ठिकानों से 1 करोड़ 76 लाख कैश। इसमें 2000 के 24 बंडल (48 लाख)।
बैकों में ही नहीं आ रहे 2000 के नोट, एटीएम से ट्रे हटाई
बैंकों की शाखाओं में 2000 के नोट करंसी चेस्ट से ही नहीं मिल रहे हैं। 20 से अधिक कैश कांउटर्स पर पूछताछ में पता चला कि गिने-चुने ग्राहक ही 2000 के नोट जमा करने आते हैं। 50 फीसदी पुरानी एटीएम में से भी 2000 रुपए के नोट के कैलिबर ट्रे पूरी तरह हटा दिए गए हैं। सूत्रों के मुताबिक नए एटीएम में 2000 नोट के कैलिबर ट्रे लगाए ही नहीं जा रहे हैं।