रांची न्यूज़ : हमें जनजातियों की आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देना है. नयी पीढ़ी को शिक्षा की ओर अग्रसर करना है, जिससे उन्हें योग्य बनाया जा सके. सीएनटी और एसपीटी एक्ट के कारण कई जरूरतमंदों को बैंक से लोन मिलने में परेशानी होती है. इस मसला के समाधान के लिए सरकार कार्य कर रही है. सरकार और बैंकिंग सेक्टर के लोगों के संयुक्त प्रयास से जनकल्याणकरी योजनाओं को वृहद् रूप दिया जा रहा है. ये बातें मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने कहीं. वह शनिवार को जमशेदपुर, धतकीडीह के अर्बन कम्युनिटी हॉल में आयोजित ऑल इंडिया सेंट्रल बैंक एंप्लॉय वेलफेयर सोसाइटी के दूसरे फाउंडेशन डे और वार्षिक बैठक को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने मुख्यमंत्री आवासीय कार्यालय से ऑनलाइन माध्यम से संबोधित किया.
स्वरोजगार पर देना है विशेष ध्यान
वहीं मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि आनेवाले समय में बैंको के मर्ज होने और निजीकरण के कारण नौकरियों की संख्या घटती जा रही है, ऐसे में हमें स्वरोजगार की ओर विशेष ध्यान देना है. सीएम रोजगार सृजन कार्यक्रम के जरिये सरकार शोषित और वंचित समाज के युवाओं को स्वरोजगार का अवसर प्रदान कर रही है.
आदिवासी जनजाति व पिछड़े को लाभान्वित करने प्रयास
मुख्यमंत्री ने कहा कि सोसाइटी बैंक में चल रही योजनाओं से आदिवासी जनजाति और पिछड़े वर्ग के लोगों को हिताधिकारी सीएम हेमंत करने का हर संभव प्रयास करे. हमें विकास के पैमानों को गति देनी है. खेतीबाड़ी से जुड़े किसान भाइयों को लोन लेने में कोई परेशानी नहीं हो, इसके लिए सरकार उसका गारंटर बन रही है. बैंक में जब ऐसे ग्रामीण किसान लोन के लिए आते हैं, तो उन्हें हर संभव मदद की आवश्यकता होती है. ऐसी स्थिति में बैंकर्स उन सभी जरूरतमंद लोगों की मदद जरूर करें. उन्होंने बैंकर्स ग्रुप को ट्राइबल उद्यमियों के संगठन टीआइसीसीआइ के युवा उद्यमियों के साथ सामंजस्य बनाकर उन्हें मदद करने की अपील की.