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बजट 2024: राजनीतिक अर्थशास्त्र का अन्वेषण, सरकारी आय और खर्च का विश्लेषण

बजट 2024: सरकार की वित्तीय योजना का अध्ययन

नई दिल्ली, 1 फरवरी: गुरुवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने देश को दूसरे कार्यकाल के लिए अंतरिम बजट पेश करने का ऐलान किया है। इसके साथ ही, बजट के प्रस्तुति से पहले देशवासियों में तत्परता बढ़ रही है। इस अंतरिम बजट के बाद कुछ महीनों में एक पूर्ण बजट को पेश किया जाएगा। बजट के माध्यम से सरकार आने वाले वित्तीय वर्ष में अपनी कमाई और खर्च की रूपरेखा प्रस्तुत करती है।

सरकार की कमाई और खर्च का ब्योरा

बजट का 34% हिस्सा भारत सरकार को ऋण के रूप में प्राप्त होता है, जबकि 66% टैक्स और रेवेन्यू से आता है। इसमें जीएसटी, इनकम टैक्स, कैपिटल गेन टैक्स जैसे टैक्स शामिल हैं। नॉन टैक्स रेवेन्यू में फीस, डिविडेंड, प्रॉफिट, ब्याज शामिल हैं। विशेषज्ञों के अनुसार, सरकार की कमाई का हर एक रुपया में आयकर 15 पैसे, जीएसटी 17 पैसे, कॉर्पोरेट टैक्स 15 पैसे, और कस्टम्स 4 पैसे का हिस्सा है।

खर्च प्रणाली का विश्लेषण

वित्त मंत्रालय के अनुसार, सरकार की कमाई के हर रुपये में 20 पैसे का हिस्सा ऋण ब्याज में जाता है। बाकी राशि सब्सिडी, पेंशन, रक्षा, केंद्रीय और राज्य स्तरीय योजनाओं में बाँटी जाती है।

भारत के बजट का इतिहास

भारत का पहला बजट 1947 में पेश किया गया था, जिसमें कुल 197.39 करोड़ रुपये थे। 2023 में यह आंकड़ा 45.03 लाख करोड़ रुपये पहुंच गया है। इस दौरान, 73 आम बजट और 14 अंतरिम बजट पेश किए गए हैं।