नई दिल्ली : टीम इंडिया ने रविवार को रांची में हुए 3 वनडे की सीरीज के दूसरे मैच में दक्षिण अफ्रीका को 7 विकेट से हराया. इस मैच में भारतीय टीम के लिए शाहबाज अहमद ने डेब्यू किया. बंगाल की तरफ से घरेलू क्रिकेट खेलने वाले शाहबाज ने मैच में अच्छी गेंदबाजी की. उन्होंने भले ही एक विकेट हासिल किया. लेकिन अपनी गेंदबाजी से काफी प्रभावित किया. मैच में उनकी बल्लेबाजी नहीं आई. टीम इंडिया तक का सफर तय करना शाहबाज के लिए आसान नहीं रहा था. पूरा परिवार चाहता था कि वो इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद नौकरी करें. लेकिन, शाहबाज का मन पढ़ाई से ज्यादा क्रिकेट में था. इसी वजह से उन्होंने बीच में ही इंजीनियरिंग की पढ़ाई छोड़ दी थी. माता-पिता शाहबाज के इस निर्णय से नाखुश थे. इसके बाद शाहबाज हरियाणा छोड़कर क्रिकेट खेलने बंगाल आ गए थे. तब उन्हें पिता से अल्टीमेटम मिला था कि अब अपनी जिंदगी में कुछ बनकर आना, वर्ना घर मत लौटना.
मीडिया से बात करते हुए पिता अहमद जान और मां अबनाम ने शाहबाज के क्रिकेटर बनने के सफर के बारे में खुलकर बात की. पिता ने कहा, जब शाहबाज क्रिकेट खेलने के लिए कोलकाता जा रहा था. तब मैंने उससे कहा था कि अब जिंदगी में कुछ करके आना, वर्ना वापस घर मत लौटना. मां ने बताया, शाहबाज ने कुछ बड़ा करने की ठानी थी. यहां तक कि उसके कॉलेज के प्रोफेसर ने भी उससे कहा था कि वो इंजीनियरिंग छोड़कर गलती कर रहा है, क्योंकि वो पढ़ाई में अच्छा था. तब शाहबाज ने अपने हेड ऑफ डिपार्टमेंट से कहा था कि सर एक दिन आप मुझे मेरी डिग्री दोगे और मेरा आदर भी करोगे और पिछले वर्ष ही हुआ.
पिता ने दिया था शाहबाज को अल्टीमेटम
इसके बाद शाहबाज क्रिकेट खेलने के लिए कोलकाता चला गया. वहां तीन खिलाड़ियों के साथ एक छोटे से कमरे में रहता था. पिता ने उस दौरे के बारे में बताया, ‘शाहबाज को खाना बनाना नहीं आता था, इसलिए उसका काम बर्तन साफ करना था. उसके लिए कोलकाता में रहना और क्रिकेट खेलना आसान नहीं था. एक तो खाने की दिक्कत थी. दूसरी, उसे हमेशा बाहरी होने का ताना सुनना पड़ता था. उस पर वहां खेलने पर बैन भी लगा दिया गया था. इसलिए उसने वापस आने का सोच लिया था. लेकिन, उसे मेरी कही एक बात याद रही कि कुछ बनकर आना, वर्ना घर मत लौटना.
काफी कोशिश के बाद बंगाल टीम में मिला मौका
वहीं इसके बाद शाहबाज को कोलकाता में सेकेंड डिवीजन क्लब क्रिकेट खेलने का मौका मिला. एक दिन प्रमोद चंदिला (बंगाल के पूर्व और हरियाणा के मौजूदा क्रिकेटर) ने पार्थ चौधरी से शाहबाज की मुलाकात कराई. पार्थ शाहबाज की गेंदबाजी से काफी प्रभावित हुए और उन्हें तपन मेमोरियल क्लब में लाने की मदद की. इसके बाद शाहबाज ने पहले बंगाल की अंडर-23 और फिर सीनियर टीम में जगह बनाई. इस दौरान सौरव गांगुली ने भी इस ऑलराउंडर का टैलेंट पहचाना था और इसे बंगाल टीम में लेने की सिफारिश की थी. इसके बाद उन्हें बंगाल टीम में जगह मिली और फिर IPL में RCB ने उन्हें अपने साथ जोड़ा और अब टीम इंडिया के लिए डेब्यू का मौका मिला.