ट्रेन में इमरजेंसी ब्रेक कब लगाया जाता है, आइये जानते हैं..

emergency brake is applied in the train.

पटना : ट्रेन एक्सीडेंट्स की खबरे आजकल ज्यादा ही सुनने और देखने को मिल रहे हैं. आईये आज इस खबर में जानेंगे ट्रेन के ब्रेकिंग सिस्टम के बारे में. क्या आप जानते है कि ट्रेन लोकोपायलट ट्रेन को अचानक क्यों नहीं रोक पाता है. ट्रेन में आखिर कौन सा ब्रेक होता है. कितने ब्रेक होते हैं. ट्रेन में ब्रेक लगाना कब अनिवार्य होता है. ब्रेक लगाने के बाद ट्रेन कितनी देर में रूकती है. ट्रेन का इमरजेंसी ब्रेक (Emergency Brake) किसे कहते है. आइए जानते है ट्रेन के ब्रेकिंग सिस्टम के बारे में.

ट्रेन में इमरजेंसी ब्रेक कैसे काम करता है ?

वहीं जब कभी ट्रेन में पायलट द्वारा इमरजेंसी ब्रेक लगाया जाता है, तो ट्रेन सही सलामत रुक जाती है. लेकिन कई बार ऐसा होता है कि इसी इमरजेंसी ब्रेक को लगाने से ट्रेन बेपटरी भी हो जाती है. वहीं बता दें कि ट्रेन का ब्रेकिंग सिस्टम एयर प्रेसर के द्वारा काम करती है. जहां ट्रेन के नीचे पूरे कोच में दो पाइप बिछाई जाती है. जिसे ब्रेक पाइप और फीड पाइप कहा जाता है. इन दोनों पाइपों में लोकमोटिव के अंदर लगे कम्प्रेसर कि सहायता से 5.6 KG का प्रेसर मैन्टेन किया जाता है. जिससे ब्रेक सिलिन्डर में लगा पिस्टन ब्रेक शुज को खिच कर रखता है और ब्रेक रिलीज रहते है. जब ट्रेन में ब्रेक अप्लाइ करनी होती है तो ट्रेन ड्राइवर कैबिन से एयर का प्रेसर को कम करते है. ब्रेक पिस्टन ब्रेक शुज को अंदर धकेलता है और शुज पहिये से चिपक जाता है, जिससे ब्रेक लग जाती है.

इमरजेंसी ब्रेक कब होता है खतरनाक!

इमरजेंसी ब्रेक लगाते समय एयर का प्रेसर एकाएक कम न करके हिसाब से कम किया जाना चाहिए. जिससे ट्रेन 400-500 मीटर कि दूरी पर जाकर रुके. मगर वहीं, इमरजेंसी ब्रेक लगते समय ट्रेन को तुरंत रोकने के लिए एयर का प्रेसर अचानक से जीरो कर दिया गया तो ट्रेन बेपटरी हो जाएगी. क्योंकि पीछे का सर लोड अचानक से आगे आ जाएगा और कोच एक दूसरे के ऊपर चढ़ जायेंगे. इमरजेंसी ब्रेक उस समय लगााया जता है जब ट्रैक पर अचानक से कोई इंसान या ऐसी चीजे आती है, जहां अचानक से ट्रेन को रोकना है. ऐसे मे ट्रेन में इमरजेंसी ब्रेक का उपयोग किया जाता है.

 

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